हाँ, मैं अब खुश हूँ ….
के प्यास नहीं, कोई अब बाकी।।
वक्त का पहिया ऐसा घूमा
जख्म सूख गए हैं अब सारे
हाँ, मैं खुश हूँ ….
के निशान नहीं पर
तड़प बची है, कुछ तो बाकी ।
प्यार में जिसके पागल थी में
उसको मेरी चाह नहीं थी
हाँ, मैं खुश हूँ ….
आज खड़ा है साथ मेरे वो
और मुझमे प्यार, नहीं है बाकी ।
खुद को खुद से लड़ते देखा
खुद में खुद को मरते देखा
हाँ, मैं खुश हूँ ….
के पास मेरे सब कुछ है अब तो
पर कहीं कुछ जैसे छूट गया'
जिसकी फांस, कहीं है बाकी ,,,
के प्यास नहीं, कोई अब बाकी।।
वक्त का पहिया ऐसा घूमा
जख्म सूख गए हैं अब सारे
हाँ, मैं खुश हूँ ….
के निशान नहीं पर
तड़प बची है, कुछ तो बाकी ।
प्यार में जिसके पागल थी में
उसको मेरी चाह नहीं थी
हाँ, मैं खुश हूँ ….
आज खड़ा है साथ मेरे वो
और मुझमे प्यार, नहीं है बाकी ।
खुद को खुद से लड़ते देखा
खुद में खुद को मरते देखा
हाँ, मैं खुश हूँ ….
के पास मेरे सब कुछ है अब तो
पर कहीं कुछ जैसे छूट गया'
जिसकी फांस, कहीं है बाकी ,,,
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