Monday 17 December 2012

BAG SNATCHING (BACH GAYI)


कभी नहीं भूल सकती मैं सच् 10.12.12 को,
उस  दिन शाम को  रोज की तरह  मैं  मेट्रो स्टेशन से घर के लिए पैदल चल रही थी जो की 20 मिनट का रास्ता है। उस रस्ते में कहीं रौशनी तो कहीं कहीं अँधेरा भी है।  घर कुछ दूरी पर ही था की एक बाइक मेरे आगे रुकी और 2 लड़कों में से एक उतर कर मेरा बैग जोर जोर से खींचने लगा एक पल के लिए तो मुझे समझ ही नहीं आया की ये कौन लोग हैं और मेरा बैग क्यों खींच रहें हैं न ही मैं इन्हें जानती हूँ। मैंने किसी तरह कोशिश की  अपने बैग बचाने की और चीखी पर मुझे लगने लगा की अब शायद वो मेरा bag  ले ही जायेगा की तभी एक बाइक रुकी और उसमें भी 2 Gents थे और मैंने उन्हें बताया ये चोर मेरा बैग खींच रहे हैं।पीछे 2 आदमी और आ गए पर वो दो चोर लड़के डरे नहीं उल्टा कहने लगे हमने तो कुछ नहीं किया और फिर उन्होंने आपस में सीट और हेलमेट change किया और निकल गए। कोई कुछ नहीं कर पाया मेरे कहने पर भी दुसरे बाइक वालें ने उन्हें नहीं रोका और न में या कोई और भी उनका number नोट कर पाया। में तो इतनी घबराई हुई थी की कुछ कर ही नहीं पाई और वो दोनों bag snatcher भाग निकले।मुझे यही दुःख हुआ की मैं कुछ कर क्यों नहीं कर पाई।मैंने भगवन का धन्याद किया और फिर घर पहुँच कर घर के पास के checkpost पर गई और उन्हें सब बताया और request की उस रास्ते में भी checkpost लगाए ताकि जो मेरे साथ हुआ वो किसी और के साथ न हो  . इस article  के through मैं सबको specialy females को बताना चाहती हूँ की डरे नहीं और कोशिश करें की ज्यादा सुनसान रस्ते से कभी न गुजरें।कोशिश करें के हमेशा एक ही रास्ते से न जाएँ और अपने बैग में कम से कम और ज्यादा costly सामान न रखें .

1 comment:

  1. Very Good. We like it. All women should come forward like you. Continue this.

    ReplyDelete