Monday 25 November 2013

न आओ मेरे पास

न आओ मेरे पास
दूर जाना मुश्किल होगा
मैं कड़ी हूँ स्थिर
रोके हुए खुद को वहीँ,,
जो आंखों में तुम्हारी पड़ने लगी हूँ ,,,,
कुछ कहना है 'शायद'
एक मुलाकात,,,
जो  आखिरी भी होगी,
ये भी जानती हूँ 

फिर भी न जाने क्यों
ख्यालों में तुम्हारे रहने लगी हूँ,,,,
जिसे कहती है दुनिया 'प्यार'
हाँ तुम्ही से करने लगी हूँ …




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